नाबालिग :- निर्दोष???????????
*नाबालिग :-निर्दोष??*
वो उम्र में छोटे थे पर एक न था
वो मेरी आत्मा का मरण था गैंगरेप न था
मैं जाती अगर न्याय मांगने तो खाली हाथ ही आती
क्योंकि मेरा किसी राजनीतिक घराने में हस्तक्षेप न था
वो नोचते रहे मुझे मैं बेबस सी पड़ी रही
मेरी रूह मेरे साथ जाने पर अड़ी रही
वो पत्थर समझ कर चोट मारते रहे मुझे
ये भी तो इंसान हैं ये सोचकर खड़ी रही
जब गई मैं कानून के रखवालों के पास
मुझे भी तो थी न्याय की आस
उनको भी मेरा...
वो उम्र में छोटे थे पर एक न था
वो मेरी आत्मा का मरण था गैंगरेप न था
मैं जाती अगर न्याय मांगने तो खाली हाथ ही आती
क्योंकि मेरा किसी राजनीतिक घराने में हस्तक्षेप न था
वो नोचते रहे मुझे मैं बेबस सी पड़ी रही
मेरी रूह मेरे साथ जाने पर अड़ी रही
वो पत्थर समझ कर चोट मारते रहे मुझे
ये भी तो इंसान हैं ये सोचकर खड़ी रही
जब गई मैं कानून के रखवालों के पास
मुझे भी तो थी न्याय की आस
उनको भी मेरा...