...

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प्रभुता
#WritcoPoemPrompt94

कहीं सुनाई देता है,
हां चलने में मजबूरी है,
कुछ कदम दूर तक चलने की,
तलब कभी न पूरी है।

संकीर्ण मार्ग उनको है जिनमें,
स्वयं की प्रभुता भरी हुई,
बाकी को तो समय सदा कम,
हसरत सदा अधूरी हैं।