प्रभुता
#WritcoPoemPrompt94
कहीं सुनाई देता है,
हां चलने में मजबूरी है,
कुछ कदम दूर तक चलने की,
तलब कभी न पूरी है।
संकीर्ण मार्ग उनको है जिनमें,
स्वयं की प्रभुता भरी हुई,
बाकी को तो समय सदा कम,
हसरत सदा अधूरी हैं।
कहीं सुनाई देता है,
हां चलने में मजबूरी है,
कुछ कदम दूर तक चलने की,
तलब कभी न पूरी है।
संकीर्ण मार्ग उनको है जिनमें,
स्वयं की प्रभुता भरी हुई,
बाकी को तो समय सदा कम,
हसरत सदा अधूरी हैं।