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जैसलमेर
आयां ने आदर मिले, जग चावो जैसाण ।
रांघड़ रेवे मानवी, जय जय राजस्थान।।
गहरो पानी है घणो, मिनखज गहरो जाण।
आयां ने भाई गिणे, रंग रुडो जैसाण।।
काचर कूमट सांगरी, गूंदा पीलू खाण।
मोठ मतीरा बाजरी, निपजे जग जैसाण।।
चांदी जेड़ी रेत जित, धोरा जबर जहान।
मिनख जमारो ऐळग्यो,जिन जोयो नी जैसाण।।
रोझा हिरणा बांदरा, सेही स्याल लूकांण ।
गाय भैंस अर करसला,चौखा जीव जैसाण ।।
कृष्ण कुली निकलंक वंश,जोधा जबर जहान।
रक्षक भारत भोम रो,सोना गढ़ जैसाण ।।
कुरब कायदों साँवठो, देश प्रेम पहचाण ।
सींव रुखालण वात जद, नित आगे जैसाण ।।
जीवट जज्बो अतुल सो, हिम्मत परणी ताण । ...