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जैसलमेर
आयां ने आदर मिले, जग चावो जैसाण ।
रांघड़ रेवे मानवी, जय जय राजस्थान।।
गहरो पानी है घणो, मिनखज गहरो जाण।
आयां ने भाई गिणे, रंग रुडो जैसाण।।
काचर कूमट सांगरी, गूंदा पीलू खाण।
मोठ मतीरा बाजरी, निपजे जग जैसाण।।
चांदी जेड़ी रेत जित, धोरा जबर जहान।
मिनख जमारो ऐळग्यो,जिन जोयो नी जैसाण।।
रोझा हिरणा बांदरा, सेही स्याल लूकांण ।
गाय भैंस अर करसला,चौखा जीव जैसाण ।।
कृष्ण कुली निकलंक वंश,जोधा जबर जहान।
रक्षक भारत भोम रो,सोना गढ़ जैसाण ।।
कुरब कायदों साँवठो, देश प्रेम पहचाण ।
सींव रुखालण वात जद, नित आगे जैसाण ।।
जीवट जज्बो अतुल सो, हिम्मत परणी ताण ।
लोहे जेहड़ो बदन व्हे, तो पूगे जैसाण ।।
शब्दार्थ
चावो=प्रसिद्ध।
जैसाण=जैसलमेर ।
रांघड़ =साहसी
रेवे =रहते है
मानवी=मनुष्य
घणो=अधिक
, मिनख =मनुष्य
गहरो =गंभीर।
रंगरूडो =रंगीला
काचर ,कूमट सांगरी, गूंदा पीलू =स्थानीय फल
मोठ मतीरा बाजरी, =स्थानीय फसलें
निपजे =उत्पादित होता है
जेड़ी=जैसी
जित=जहां
जबर =जोरदार
जहान।
जमारो=जीवन
ऐळग्यो=फालतू गया
जिण =जिसने
जोयो नी=देखा नही

रोझा=नीलगाय
हिरणा=हिरण
बांदरा=बन्दर
सेही=सही
स्याल =सियार
लूकांण =लोमड़ी
अर=और
करसला=ऊंट
चौखा=अच्छा
जीव =प्राणी
कुली =वंशज
निकलंक =बेदाग
जोधा=योद्धा
जहान=दुनिया
भोम =भूमि
रो,=के
सोना= सोनार(सोने के रंग का)
गढ़=दुर्ग
कुरब कायदों=मान सम्मान
साँवठो=शक्तिशाली
पहचाण =पहचान
सींव =सीमा
रुखालण=रक्षा करने
वात =बात
जद=जब
नित =हमेशा
जीवट= जिंदादिली
जज्बो =आत्मबल
अतुल =अतुलनीय
परणी =पत्नी
ताण=के लिए
जेहड़ो =जैसा
बदन=शरीर
व्हे=हो
तो =तब
पूगे=पहुंचा जाता है