पलभर का नजराना
कुछ लम्हों की जिंदगानी, आज अजीब सी गुजरी है...
कई फासले रखते हूए वह, आज करीब से गुजरी है...
पलभर के नजराने से, एक धुन सी सांसो में बहने लगी...
उन आँखो से...
कई फासले रखते हूए वह, आज करीब से गुजरी है...
पलभर के नजराने से, एक धुन सी सांसो में बहने लगी...
उन आँखो से...