पता चलेगा
रोगे ना जिस दिन तुम इश्क़ के गम में!
पता चलेगा उस दिन मोहब्बत होती क्या है!!
छलेगा तुम्हें भी कोई तुम जैसा ही,
पता चलेगा उस दिन बगावत होती क्या है!!
मिल जाएगा जिस दिन..
तुम्हारी गलतियों को भी कबूल करने वाला,
पता चलेगा उस दिन इनायत होती क्या है!!
जिस दिन हो पाओगे ना,,
पूरी तरह रिहा उसकी यादों से!
पता चलेगा उस दिन ज़मानत होती क्या है!!
बैठकर अरसे करोगे ना जिस दिन,,
किसी सुनवाई के होने का इन्तज़ार!
पता चलेगा उस दिन
ये दुनिया की अदालत होती क्या है!!
क्या खुशियां और क्या ग़म है भला?
आएगी ना जिस दिन वो,,
हर मुस्कुराहट छीन लेने वाली आंधी!
पता चलेगा उस दिन कयामत होती क्या है!!
चाहोगे फ़िर भी ना बीतेगा जल्दी
ना चाहोगे,, पर आगे बढ़ता जाएगा!
पता चलेगा उस दिन ये समय की रूकावट होती क्या है!!
यूं जो बताना भर ही काफ़ी रहता है ना घर में,,
है मुझे जाना कहीं दोस्तों संग सैर पर!
करनी पड़े जिस दिन गुज़ारिश,,
यूं पर्दों में छिपकर और डरते हुए!
पता चलेगा उस दिन इजाज़त होती क्या है!!
जो सीना तान कर चलते हो ना,, उस पिता के साये में!
कभी जो चलो किसी का साया बनकर!
पता चलेगा उस दिन ये हिफाज़त होती क्या है!!
जो हर दुआओं में हर रोज़ बैठ घुटनों पर
उसे पाने की मिन्नतें करो ना,,
पता चलेगा ये इबादत होती क्या है!!
पता चलेगा, जब वो दिन बहुत दूर नहीं,,
शोहरत हो भरी शहर में फ़िर भी
मन जो जूझेगा न बेचैनी से,,
पता चलेगा ये सुकून की चाहत होती क्या है!!
यूं तो दरियादिली की बातें सभी करते हैं,
करके कुर्बान ख़ुद की ख़ुशियाँ जिस दिन
लाओगे किसी चेहरे पर मुस्कान,
पता चलेगा उस दिन ये मुस्कुराहट होती क्या है!!
यूं तो बड़ा आसान है महफ़िल में ताली देकर हंस लेना
जो हंसो खुद की बातों या गलतियों पर कभी,,
पता चलेगा उस दिन ये खिजलाहट होती क्या है!!
कहने में वक्त लगता ही है कितना..
हां हम भी सपूत है माता के,,
गवाओगे ना जाकर जान जिस दिन उस सीमा पर
पता चलेगा ये शहादत होती क्या है!!
शांत रात और ख़ामोश सितारें
फ़िर भी कोई शोर सुनोगे जब अंधेरों में,,
पता चलेगा उस दिन हां ये खामोश चिल्लाहट होती क्या है!!
चढ़ागे जो सुनसान सी उस पहाड़ी पर बिना शौक
बस यूं ही मंज़िल की तलाश में,,
पता चलेगा उस दिन घबराहट होती क्या है!!
परछाईं होगी साथ तुम्हारे पर मुकद्दर का सहारा नहीं!
लगेगा जरूर एक पल ऐसा भी,,
तुम तो हो सबके पर कोई तुम्हारा नहीं!!
और न जाने हैं कितने राज़ दफ़न
इस खुली कायनात में की हर बस्ती में
पता चलेगा,,
ज़रा घुमो तो दुनिया के हर कोने में,,
पता चलेगा!!
हर रंग ये लोगों का और
शायद कुछ और भी __इन अलग रंगों में
कोई अलग सी बात होती क्या है??
बस कुछ यूं ही ढ़ूंढों तब तो पता चलेगा!!
धीरे धीरे और बस यूं ही,,
सब कुछ बस पता चलेगा!!
© Princess cutie
पता चलेगा उस दिन मोहब्बत होती क्या है!!
छलेगा तुम्हें भी कोई तुम जैसा ही,
पता चलेगा उस दिन बगावत होती क्या है!!
मिल जाएगा जिस दिन..
तुम्हारी गलतियों को भी कबूल करने वाला,
पता चलेगा उस दिन इनायत होती क्या है!!
जिस दिन हो पाओगे ना,,
पूरी तरह रिहा उसकी यादों से!
पता चलेगा उस दिन ज़मानत होती क्या है!!
बैठकर अरसे करोगे ना जिस दिन,,
किसी सुनवाई के होने का इन्तज़ार!
पता चलेगा उस दिन
ये दुनिया की अदालत होती क्या है!!
क्या खुशियां और क्या ग़म है भला?
आएगी ना जिस दिन वो,,
हर मुस्कुराहट छीन लेने वाली आंधी!
पता चलेगा उस दिन कयामत होती क्या है!!
चाहोगे फ़िर भी ना बीतेगा जल्दी
ना चाहोगे,, पर आगे बढ़ता जाएगा!
पता चलेगा उस दिन ये समय की रूकावट होती क्या है!!
यूं जो बताना भर ही काफ़ी रहता है ना घर में,,
है मुझे जाना कहीं दोस्तों संग सैर पर!
करनी पड़े जिस दिन गुज़ारिश,,
यूं पर्दों में छिपकर और डरते हुए!
पता चलेगा उस दिन इजाज़त होती क्या है!!
जो सीना तान कर चलते हो ना,, उस पिता के साये में!
कभी जो चलो किसी का साया बनकर!
पता चलेगा उस दिन ये हिफाज़त होती क्या है!!
जो हर दुआओं में हर रोज़ बैठ घुटनों पर
उसे पाने की मिन्नतें करो ना,,
पता चलेगा ये इबादत होती क्या है!!
पता चलेगा, जब वो दिन बहुत दूर नहीं,,
शोहरत हो भरी शहर में फ़िर भी
मन जो जूझेगा न बेचैनी से,,
पता चलेगा ये सुकून की चाहत होती क्या है!!
यूं तो दरियादिली की बातें सभी करते हैं,
करके कुर्बान ख़ुद की ख़ुशियाँ जिस दिन
लाओगे किसी चेहरे पर मुस्कान,
पता चलेगा उस दिन ये मुस्कुराहट होती क्या है!!
यूं तो बड़ा आसान है महफ़िल में ताली देकर हंस लेना
जो हंसो खुद की बातों या गलतियों पर कभी,,
पता चलेगा उस दिन ये खिजलाहट होती क्या है!!
कहने में वक्त लगता ही है कितना..
हां हम भी सपूत है माता के,,
गवाओगे ना जाकर जान जिस दिन उस सीमा पर
पता चलेगा ये शहादत होती क्या है!!
शांत रात और ख़ामोश सितारें
फ़िर भी कोई शोर सुनोगे जब अंधेरों में,,
पता चलेगा उस दिन हां ये खामोश चिल्लाहट होती क्या है!!
चढ़ागे जो सुनसान सी उस पहाड़ी पर बिना शौक
बस यूं ही मंज़िल की तलाश में,,
पता चलेगा उस दिन घबराहट होती क्या है!!
परछाईं होगी साथ तुम्हारे पर मुकद्दर का सहारा नहीं!
लगेगा जरूर एक पल ऐसा भी,,
तुम तो हो सबके पर कोई तुम्हारा नहीं!!
और न जाने हैं कितने राज़ दफ़न
इस खुली कायनात में की हर बस्ती में
पता चलेगा,,
ज़रा घुमो तो दुनिया के हर कोने में,,
पता चलेगा!!
हर रंग ये लोगों का और
शायद कुछ और भी __इन अलग रंगों में
कोई अलग सी बात होती क्या है??
बस कुछ यूं ही ढ़ूंढों तब तो पता चलेगा!!
धीरे धीरे और बस यूं ही,,
सब कुछ बस पता चलेगा!!
© Princess cutie