इंसान ही तो हो
कुछ में अब भी बहुत है भेदभाव।
भेद उन्हें करने देता हूं,
और भाव मैं रख लेता हूँ ।
किसी के बाप का नहीं है ये जहांन,
इंसान ही तो हो, तो बनके रहो इंसान ।
आईना देख कर बहुत इतराते होंगे,
घमंड में...
भेद उन्हें करने देता हूं,
और भाव मैं रख लेता हूँ ।
किसी के बाप का नहीं है ये जहांन,
इंसान ही तो हो, तो बनके रहो इंसान ।
आईना देख कर बहुत इतराते होंगे,
घमंड में...