बलात्कार, जिम्मेवार कोन___
RAAJ PREEET
कभी कभी स्याही भी नही सुख पाती अखबारों की
कि खबर नई आ जाती है रोज बलात्कारों की
भीड़ इकट्ठा हो जाती है कुछ दिन सडकों पर
पर आती नही है बारी अदालत मे गुनाहगारों की
PREEET जिस जिस्म पर चोट लगती है उसको ही मालुम है
पीड़ पराई कोई नही समझता दर्द के मारों की
औरत ने भी ऐसा क्या गुनाह कर दिया जन्म देकर आदमी को
अपना घर छौड तलब रखते है PREEET सब पराई मुटियारो ( लडकी) की
आजकल सच्चाई के नाम से खौफ कोई खाता नही
तरफदारी करते है PREEET सब के सब गदारों की
कच्ची कलियों को तोडकर कोई फेंक देता है जंगल मे
खत्म हो जाती है पिडी आने वाली बहारो की
PREEET सब के सब बिकाऊ है धर्म...
कभी कभी स्याही भी नही सुख पाती अखबारों की
कि खबर नई आ जाती है रोज बलात्कारों की
भीड़ इकट्ठा हो जाती है कुछ दिन सडकों पर
पर आती नही है बारी अदालत मे गुनाहगारों की
PREEET जिस जिस्म पर चोट लगती है उसको ही मालुम है
पीड़ पराई कोई नही समझता दर्द के मारों की
औरत ने भी ऐसा क्या गुनाह कर दिया जन्म देकर आदमी को
अपना घर छौड तलब रखते है PREEET सब पराई मुटियारो ( लडकी) की
आजकल सच्चाई के नाम से खौफ कोई खाता नही
तरफदारी करते है PREEET सब के सब गदारों की
कच्ची कलियों को तोडकर कोई फेंक देता है जंगल मे
खत्म हो जाती है पिडी आने वाली बहारो की
PREEET सब के सब बिकाऊ है धर्म...