कुछ बातें...
कुछ बातें थी मन में कहने को ..
पर वह मन में ख्याल बनकर ही रह गई..
वक्त के साथ ,एक दिन ये जज़्बात बनकर..
यूं आंखों से बह गई..
हालात कुछ यूं गए गुज़रे मेरे ..
ना कभी किसी ने पूछने की कोशिश की ..
ना कभी किसी को मैं बताने की हिम्मत कर पाई...
कुछ बातें अधुरी थी.. कहने को मिला ना कोई...
दिल में रख उन बातों को.. मैं आगे बढ़ती रही...
जिंदगी के उस मोड़ पर.. जहां थी सिर्फ 'मैं और मेरी तनहाई '...
सोचती हूं कभी तुम ना होती तो मेरा क्या होता..... #मेरी तनहाई
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पर वह मन में ख्याल बनकर ही रह गई..
वक्त के साथ ,एक दिन ये जज़्बात बनकर..
यूं आंखों से बह गई..
हालात कुछ यूं गए गुज़रे मेरे ..
ना कभी किसी ने पूछने की कोशिश की ..
ना कभी किसी को मैं बताने की हिम्मत कर पाई...
कुछ बातें अधुरी थी.. कहने को मिला ना कोई...
दिल में रख उन बातों को.. मैं आगे बढ़ती रही...
जिंदगी के उस मोड़ पर.. जहां थी सिर्फ 'मैं और मेरी तनहाई '...
सोचती हूं कभी तुम ना होती तो मेरा क्या होता..... #मेरी तनहाई
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