अब क्या रखा हैं....
ले जा ये कलेजा भी चीर के,
अब जिंदा रहने में रखा क्या है,
साँसों में एक खामोशी गहरी,
अब दर्द में जीने में रखा क्या है।
दर्द सहना अब मेरा शौक नहीं,
रोज़...
अब जिंदा रहने में रखा क्या है,
साँसों में एक खामोशी गहरी,
अब दर्द में जीने में रखा क्या है।
दर्द सहना अब मेरा शौक नहीं,
रोज़...