दिल के अल्फाज
इश्क़ तुझे भी मुझसे जब हो जाएगा,
ख़्वाब मेरा मुकम्मल तब हो जाएगा।
सरेआम ज़ुल्फ़ें ना बाँधो यूँ हाथों को उठाकर,
कांधे से ...
ख़्वाब मेरा मुकम्मल तब हो जाएगा।
सरेआम ज़ुल्फ़ें ना बाँधो यूँ हाथों को उठाकर,
कांधे से ...