नजरिया
दुनिया बहुत खूबसूरत है दोस्त
बस नजरिए का ही फर्क है
जैसे किसी के लिए भगवान
तो किसी के लिए महज पत्थर है
जो तेरे पास है तू
उसके लिए ही शुकर मना
नहीं है जो किस्मत में
उसका ना तो शोक मना
देने वाला दे रहा जब
औकात से भी ज्यादा है
लालच का बोझ तो फिर
क्यों अपने ऊपर लादा है
सकारात्मक रहकर वस तू
इस जीवन का आनंद उठा
बेशकीमती समय है यह
इसको ना तू ऐसे ही गवा
छोटी सी है जिंदगी तेरी
और नफरतें कई सारी हैं
प्यार फैला कर देख ए दोस्त
फिर यह दुनिया कितनी प्यारी है
नदियां, पर्वत , झील ये अंबर
तेरे लिए ही सारे हैं
नजर भर कर देख ए दोस्त
क्या खूब ये नजारे है
सोंधी सोंधी सी खुशबू फूलों की
मन को यूं लुभाती है
ठंडी ठंडी पवन गर्मी में जैसे
शीतलता पहुंचाती है
फल की तू चिंता ना कर के
कर्तव्य पथ पर तू चलता जा
सफलता चूमेगी खुद पैर तुम्हारे
बस मेहनत की भट्टी में जलता जा
सब को खुश रख कर खुद भी
शुकर शुकर बस किए जा
रजा में रहकर राजी उसकी
हंसते-हंसते जिए जा ।।
© Ajay rajesh
बस नजरिए का ही फर्क है
जैसे किसी के लिए भगवान
तो किसी के लिए महज पत्थर है
जो तेरे पास है तू
उसके लिए ही शुकर मना
नहीं है जो किस्मत में
उसका ना तो शोक मना
देने वाला दे रहा जब
औकात से भी ज्यादा है
लालच का बोझ तो फिर
क्यों अपने ऊपर लादा है
सकारात्मक रहकर वस तू
इस जीवन का आनंद उठा
बेशकीमती समय है यह
इसको ना तू ऐसे ही गवा
छोटी सी है जिंदगी तेरी
और नफरतें कई सारी हैं
प्यार फैला कर देख ए दोस्त
फिर यह दुनिया कितनी प्यारी है
नदियां, पर्वत , झील ये अंबर
तेरे लिए ही सारे हैं
नजर भर कर देख ए दोस्त
क्या खूब ये नजारे है
सोंधी सोंधी सी खुशबू फूलों की
मन को यूं लुभाती है
ठंडी ठंडी पवन गर्मी में जैसे
शीतलता पहुंचाती है
फल की तू चिंता ना कर के
कर्तव्य पथ पर तू चलता जा
सफलता चूमेगी खुद पैर तुम्हारे
बस मेहनत की भट्टी में जलता जा
सब को खुश रख कर खुद भी
शुकर शुकर बस किए जा
रजा में रहकर राजी उसकी
हंसते-हंसते जिए जा ।।
© Ajay rajesh