नजरिया
दुनिया बहुत खूबसूरत है दोस्त
बस नजरिए का ही फर्क है
जैसे किसी के लिए भगवान
तो किसी के लिए महज पत्थर है
जो तेरे पास है तू
उसके लिए ही शुकर मना
नहीं है जो किस्मत में
उसका ना तो शोक मना
देने वाला दे रहा जब
औकात से भी ज्यादा है
लालच का बोझ तो फिर
क्यों अपने ऊपर लादा है
सकारात्मक रहकर वस तू
इस जीवन का आनंद उठा
बेशकीमती समय है यह
इसको ना तू...
बस नजरिए का ही फर्क है
जैसे किसी के लिए भगवान
तो किसी के लिए महज पत्थर है
जो तेरे पास है तू
उसके लिए ही शुकर मना
नहीं है जो किस्मत में
उसका ना तो शोक मना
देने वाला दे रहा जब
औकात से भी ज्यादा है
लालच का बोझ तो फिर
क्यों अपने ऊपर लादा है
सकारात्मक रहकर वस तू
इस जीवन का आनंद उठा
बेशकीमती समय है यह
इसको ना तू...