ek sham....
करके गुलाबी शाम तेरे नाम,
उदासियों से जाम छलकाते हैं,
बहकते हैं क़दम दिन भर आवारागर्दी मैं,
तेरी गली आते ही सारे आदाब सिख जाते हैं,
सब कुछ पाकर ज़िन्दगी मैं फिर,
तेरी...
उदासियों से जाम छलकाते हैं,
बहकते हैं क़दम दिन भर आवारागर्दी मैं,
तेरी गली आते ही सारे आदाब सिख जाते हैं,
सब कुछ पाकर ज़िन्दगी मैं फिर,
तेरी...