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दूर सफ़र पर
लोग चलें क्यूं दूर सफ़र पर
हों कर यूं मजबूर सफ़र पर
अपनों को भी भूल गए यूं
बेदर्दी, मगरूर सफ़र पर
तोड़ दिलों के तार सभी से
मतलब से भरपूर सफर पर
हरक़त ढब सब बदली थी
शायद थे लंगूर सफ़र पर
सियासत के मूलमंत्र क्या
चलों चलें जी हुज़ूर सफ़र पर
जिनके लिए नज़र हैं प्यासी
फ़रिश्ते हैं काफूर सफर पर
खून, पसीना, मेहनत लेकर
ये तो चलें मज़दूर सफ़र पर
नफरत को भी प्यार कह गए
हमने दिया ये दस्तूर सफ़र पर
पंडित तूं किस ओर चला रें
जो रब को उस मंज़ूर, सफर पर
© पं.रोहित शर्मा
हों कर यूं मजबूर सफ़र पर
अपनों को भी भूल गए यूं
बेदर्दी, मगरूर सफ़र पर
तोड़ दिलों के तार सभी से
मतलब से भरपूर सफर पर
हरक़त ढब सब बदली थी
शायद थे लंगूर सफ़र पर
सियासत के मूलमंत्र क्या
चलों चलें जी हुज़ूर सफ़र पर
जिनके लिए नज़र हैं प्यासी
फ़रिश्ते हैं काफूर सफर पर
खून, पसीना, मेहनत लेकर
ये तो चलें मज़दूर सफ़र पर
नफरत को भी प्यार कह गए
हमने दिया ये दस्तूर सफ़र पर
पंडित तूं किस ओर चला रें
जो रब को उस मंज़ूर, सफर पर
© पं.रोहित शर्मा
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