...

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ख्वाब
हर पल हर एक ख्वाब को टुटते हुए देखा है
ज़िन्दगी के हर पहलू को हमने नजदीक से देखा है

रातों में हमने खुद को सिसकते हुए देखा है
ऐसे मर मर के हर पल खुद को जीते हुए देखा

ये अजीब मंजर हमने पहली बार नहीं देखा है
समुंदर को दुर से नहीं उसने उतर कर देखा है

थक कर उठकर जज्बे से बड़ा होते हुए देखा है
हमने हर मुश्किल से खुद को लड़ते हुए देखा है

ये कांटे भरे ऐसे वैसे बहुत से रास्ते को देखा है
मैंने मौत के पास ज़िन्दगी को टहलते देखा है

© 𐌼я. ∂ιϰιт