गुजरते अजनबी
#गुज़रतेअजनबी
जब निगाहें निगाहों से मिलने चली,
कुछ था मन मनचला कुछ हवा मनचली।
शाम रौशन किया था किसी उजाला कहीं,
प्रेम एहसास में शाम मेरी ढली।
उसकी नजरें खुद की...
जब निगाहें निगाहों से मिलने चली,
कुछ था मन मनचला कुछ हवा मनचली।
शाम रौशन किया था किसी उजाला कहीं,
प्रेम एहसास में शाम मेरी ढली।
उसकी नजरें खुद की...