mahobbat
अच्छा जी
मुहब्बत हो जाए तो इजहार नहीं करना
इकरार नहीं करना
बस डरना और उस डर में जीते जीते मरना
क्योंकि एक प्यार ही तो बेकार होता है
बाकी सब कुछ ज़िन्दगी में तो ख़ुशगवार होता है
एक मुहब्बत ही तो ग़म देती है
ज़ुल्म करती है, आँखें नम देती है
रूलाती है, सताती है
बाकी हर चीज़ ज़िन्दगी की तो हँसाती है
ज़िंदगी में कोई और दर्द है कहाँ
एक इश्क़ ही तो सबसे बड़ा मर्ज़ है यहाँ
जब मुहब्बत हो किसी से तो मत कहना
खामोश रहना
जुदाई सहना, तनहाई में रहना
और जब आखरी साँसें चलने लगे
मौत आके गले लगे
तब सोचना
काश
कह दिया होता, बता दिया होता
थोड़ा...
मुहब्बत हो जाए तो इजहार नहीं करना
इकरार नहीं करना
बस डरना और उस डर में जीते जीते मरना
क्योंकि एक प्यार ही तो बेकार होता है
बाकी सब कुछ ज़िन्दगी में तो ख़ुशगवार होता है
एक मुहब्बत ही तो ग़म देती है
ज़ुल्म करती है, आँखें नम देती है
रूलाती है, सताती है
बाकी हर चीज़ ज़िन्दगी की तो हँसाती है
ज़िंदगी में कोई और दर्द है कहाँ
एक इश्क़ ही तो सबसे बड़ा मर्ज़ है यहाँ
जब मुहब्बत हो किसी से तो मत कहना
खामोश रहना
जुदाई सहना, तनहाई में रहना
और जब आखरी साँसें चलने लगे
मौत आके गले लगे
तब सोचना
काश
कह दिया होता, बता दिया होता
थोड़ा...