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क्या लौट आएंगे वो पल
#YearEndEchoes। जिसको हमने इस दिल से लगाया, जिसके लिए हमने इतना दर्द पाया। जिसके लिए मांगी थी लाखों मन्नते हमनें, जिस की खातिर खुद अंधेरे में रह कर उज्ज्वल भविष्य बनाया। जिसके लिए बन कर रहता था साया, जिसको अपना खुदा बनाया। जिनकी एक खुशी के लिए जी जान लगा देते थे, ना चाहते हुए भी अपना लहू बहा देते थे। जिसकी एक छवि देखने को ये दिल उमड़ सा जाता था। ना नींद आती थी, ना भूख लगती थी बस उमड़ के ये सपने में इस दिल का बेइकरार आता था। तुमसे बातें करने का ये दिल करता था, लेकिन मेरा दिल कमज़ोर था जो कहने से डरता था। आपके आने से खुशहाल होती हर सुबह और रोशन रहता ये सवेरा था। पता नही मैं क्या जानू ये दिल तेरा या मेरा था। अब तो बोहोत सबर कर लिया मैने, मैं तुम्हें कुछ बताना चाहता हूं, जो दिल में है मेरे वो दिखाना चाहता हू। ये पल शायद हमारे नसीब में कभी ना आए, ये तुम्हे कैसे बताए। इस दिल में बस तुम्हारी छाया हैं, जिसे समेटे मेरी काया हैं। ऐसा कभी भी हुआ आज तक जिससे देखकर दिल में बहती ये मोह की माया है। इन आंखों से बहती ये मेरे दर्दों की पुकार हैं। जीने छुपाकर आज आपकी चौखट पर लेके आए यह गुहार हैं। बेइंतिहान मोहब्बत की थी आपसे सदा ही सनम, आपकी खातिर हमने छोड़ दिया अपना ही धर्म। एक बार बस तुम्हें जी भरके देखना चाहते हैं,शायद तुम्हें भी याद कभी आई होगी हमारी जैसे मुझ पर ये बादल सा बरसा हैं। बस और क्या कहे कुछ बाकी ही नहीं कुछ कहने को, इन आंखों में कुछ बचा नहीं बहने को, अब चाहे तो हम आज दम तोड़ दे और काश इन आखरी पलो में इस समय को मोड़ दू। आखिर क्या लौट आए वोह पल जिसका था मुझे इंतज़ार क्या पता आपको भी हो जाए हमसे प्यार।
@Tushu #YearEndEchoes