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एहसान बहुत है 💞💞💞
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कैसे भुल जाएं तुझे की तेरा एहसान बहुत है
जानता हूं तुझे दिल देने में मेरा नुकसान बहुत है

कैसे बेवफा कह दूं तुझे, तू ही बता
बेशक मुंह फेरे है, पर तू भी तो पशेमान बहुत है

वो क्या गया मेरे हिस्से का उजाला भी ले गया
कब से जल रहा है दिल, फिर भी घर वीरान बहुत है

कोन कहता है, मैं अकेले रहता हूं इस मकान में
उसकी यादों से आज भी मेरा घर गुलिस्तान बहुत है

दुनिया की बातों में न आ, तू दिल खोल कर सितम ढा
तेरी जानिब मुझमें अभी भी जान बहुत है

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© char0302