इत्र
इत्र हू छुप के सांसों में घुलता हूँ
कुछ इस तरह मैं अक्सर तुमसे मिलता हूँ
तेरे जिस्म की तह मेरी जमीं है
तू तब...
कुछ इस तरह मैं अक्सर तुमसे मिलता हूँ
तेरे जिस्म की तह मेरी जमीं है
तू तब...