क्या काम का आदमी है
वाह, क्या काम का आदमी है!
सुबह उठता है और आँख मलते हुए
पंखा झलते ही शौचालय पहुंच जाता है;
पूर्ण सक्रियता के साथ, सब्जी काटने में मशगूल;
सजगता लिए, रोटियां सेकने में माहिर;
समय का सदुपयोगी;
पलक झपकते ही खा जाता है।
क्या काम का आदमी है!
ठीक से देखा भी कि नहीं?
कपड़े सजकर तैयार- बिल्कुल औपचारिक;
साथ में एक बैग, कलम चार,
कागज न छूट जाए कहीं- एकदम सावधान;
बस पकड़ने को सौ फीसदी स्फूर्त;
पड़ाँव पर धक्का-मुक्की खाता...
सुबह उठता है और आँख मलते हुए
पंखा झलते ही शौचालय पहुंच जाता है;
पूर्ण सक्रियता के साथ, सब्जी काटने में मशगूल;
सजगता लिए, रोटियां सेकने में माहिर;
समय का सदुपयोगी;
पलक झपकते ही खा जाता है।
क्या काम का आदमी है!
ठीक से देखा भी कि नहीं?
कपड़े सजकर तैयार- बिल्कुल औपचारिक;
साथ में एक बैग, कलम चार,
कागज न छूट जाए कहीं- एकदम सावधान;
बस पकड़ने को सौ फीसदी स्फूर्त;
पड़ाँव पर धक्का-मुक्की खाता...