बेवस हम इस कदर हो गए ,जमाने में सब हमसे बेखबर हो गये
सौदे हो ना पाए उन रिश्तो से
जिनकी कीमत मेरी इज्जत थी
भूल गए हम उन रिश्तो को
इंतजार में जो नजर तरसती थी
कल तक...
जिनकी कीमत मेरी इज्जत थी
भूल गए हम उन रिश्तो को
इंतजार में जो नजर तरसती थी
कल तक...