अकेलापन
राह से काँटा हटाया नही किसी ने,
तेरे बाद दिल लगाया नही किसी ने।
गला फ़ाड़-फाड़ के आवाज़ देता रहा,
मेरी चीख़ पर ग़ौर फ़रमाया नही किसी ने।
धीरे-धीरे तन्हाईयाँ खां गईं मुझको,
साथ मेरा लेकिन...
तेरे बाद दिल लगाया नही किसी ने।
गला फ़ाड़-फाड़ के आवाज़ देता रहा,
मेरी चीख़ पर ग़ौर फ़रमाया नही किसी ने।
धीरे-धीरे तन्हाईयाँ खां गईं मुझको,
साथ मेरा लेकिन...