...

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jog
मुझे जोग लगी है तेरी,तू भी बन जा मेरी जोगन।
अब सुध बुध ना मुझको मेरी,लगी है कुछ ऐसी लगन।
बिन सावन बरसे बदरी,धुप भी अब कंही नहीं,
आके अब सम्भाल ले तू,बावरा हुए जा रहा ये मन मस्त मगन.

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