...

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वो याद आती हैं.....!
वो याद आती हैं
हर पल मुझे तड़पाती हैं
पता नही वो कैसे सह पाती हैं
पर बहुत याद आती हैं!

हमारा मिलना तय नहीं था
बिछड़ने का भी भय नहीं था
सुरो में कोई लय नहीं था
रोक पाने का भी समय नहीं था!

फिर क्या,दिन रात बाते हुई
एक दूसरे से अनजान पर मुलाकाते हुई
एक दूसरे में एक दूसरे की चाहते हुई
रात के 3 बजे तक जगने की आदतें हुई!

बेबी ,शोना, जानू मेरी होना
वादा करो की तुम न रोना
प्यार हुआ हैं समझो नाही खिलौना
मैं तुम्हारे साथ हूं, अच्छे से सोना !

वो बरसाते ,वो अकेली राते
वो लम्हे,वो लंबी बाते
पल पल तड़पाते हैं
बहुत याद आते हैं
बहुत याद आते हैं......!© Pawan kumar

to be continued.....
#pk958