...

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जब पढ़ोगे
जब पढ़ोगे तुम कहानी
मेरी थोड़ा आंखो में पानी
रखना .......

पहला पन्ना जब पलटोगे
तुम तो ज़रा सावधानी रखना


जब पढ़ोगे तुम मेरे अनकहे
अल्फाज़ धीरे धीरे समझना
उन अल्फाजों में दफ़न तुम
मेरे जज़्बात ..........

दूसरा पन्ना जैसे ही तुम
खोलोगे ये समझ लो
तुम मेरे एक क़दम और
करीब होलोगे ........

तुम जान पाओगे मेरे
ख्यालात, तुम समझ
पाओगे मुझे ......….

हालाकि ये इतना आसान
नही होगा , तुम भटक
जाओगे इन पन्नो की अफरा
तफरी में .......

तुम उलझ जाओगे
जज्बातों की मंडी में

तीसरा पन्ना जो तुम खोलोगे
वो खाली होगा मेरे दर्द की
निशानी होगा उसे पढ़ने
की कोशिश तुम मत करना
बस महसूस करना क्युकी
पढ़ने से मन भारी होगा .....

चौथे पन्ने को जब पलटोगे
तुम्हे थोड़ी हैरानी होगी ....
मेरे टूटे पड़े , बिखरे सपनो
की उन में मृत मेरी उमीदे
सारी होगी ......

उस पन्ने पर इतना ध्यान
ना देना तुम पांचवा पन्ना
खोल तुरंत लेना ......
पांचवे पन्ने मे तुम्हे
मिलेगा एक सूखा मुरझाया
गुलाब जो तुम्हे बताएगा
की इसी तरह मुरझा गई
है मेरी जिंदगी की
किताब .............

उसके बाद तुम जब अलग पन्ना
पलटोगे वो और उसके बाद के
सारे पन्ने खाली होंगे ........

अंतिम होगी उसमे कुछ
घड़ियां जो मैने खुशहाल
बिताई , पर अफ़सोस वो
ज्यादा देर नही टिक पाई

Sorry Bahut Sad likh rahi hu
na lekin main to wahi likh
rahi hu jo mehsus kr rahi hu
🖤Ruhi ..........




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