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कूष्माण्डा देवी की आरती
कूष्माण्डा जय जग सुखदानी।

मुझ पर दया करो महारानी॥

पिगंला विद्वत निराली।

शाकंबरी माँ भोली भाली॥

करोड़ नाम निराले तेरे।

भक्त मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर स्थित है।

स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

ब्रह्माण्ड सुनती हो जगंबे।

सुख सूची हो माँ अम्बे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा।

पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

माँ के मन में ममता भारी।

क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरा दर पर काम है।

दूर करो मां संकट मेरा॥

मेरा कर्ज पूरा कर दो।

मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तू ही ध्याए।

भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥