kyu Karu?
कभी सोचती हुं,
लिख दूं दवात _ए _चश्म से तुझको।
जीवन के हर पन्ने पर,
फिर ख्याल आता है की,
लिख कर तुझे...
लिख दूं दवात _ए _चश्म से तुझको।
जीवन के हर पन्ने पर,
फिर ख्याल आता है की,
लिख कर तुझे...