अभी तो
अभी तो गुज़री है मेरे ख्वाबों की गलियों से वो
मैंने उसकी खुशबू को सांसों में समा लिया है
मुझे गले लगा कर कभी कभी
बहुत रोती है वो
कभी कहती है खुश हूँ
कभी तन्हा लगती है वो
जब मेरी नटखट शरारतों से तंग आ जाती है
फिर मुझे कन्हा कहती है वो
मैं पायल ले आया...
मैंने उसकी खुशबू को सांसों में समा लिया है
मुझे गले लगा कर कभी कभी
बहुत रोती है वो
कभी कहती है खुश हूँ
कभी तन्हा लगती है वो
जब मेरी नटखट शरारतों से तंग आ जाती है
फिर मुझे कन्हा कहती है वो
मैं पायल ले आया...