...

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इजहारे मुहब्बत
कहां जरूरी है सनम दरमायन हमारे
वादों की किताबें और वफा की ये कसमें
नहीं जरूरी है सनम मुहब्बत में निभाना
सात वचनों की रस्में
दिल का राबता तो फकत दिल से ही होता है
इश्क को तो फकत इश्क ही कुबूल होता है
लो आज हमने फिर से इजहारे मुहब्बत कर डाला
तुम्हारे बिन अब ना सनम होगा अपना गुजारा
गुजारिश तुम से फकत इतनी ही है मेरे जानम
जो बिछड़ जाऊं कही तेरे साथ यूं ही
चलते–चलते मैं दो कदम
मुझे फिर सर–ए–राह तुम मिलना
अगले जन्म ऐसे ही मेरे हमदम

© Ranjana Shrivastava