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माँ
माँ तू ही एक वो अजी़ज़ शक्स है ,
जिसके बिना मेरी ज़िदगी अधूरी है,
मै लाख दफा गिरी,
तो तूने मुझे संभाला,
माँ तू रातों को जागती है,
मेरे लिए दुआएँ करती है,
माँ तूने मुझे अपनी हिफाज़त करना सिखाया ,
सही और ग़लत मे अंतर समझाया,
माँ कभी नींद नही आता है तो ,
तेरी गोद मै आते ही मै फट से नींद आ जाती है,
मुुशकिलों के बाद भी तूझसे,
मुसकूराना सिखा मैनें माँ,
माँ एक तू ही है जो बेहिसाब काम करती है,
बाकी़ तो यहा सब हिसाब से काम करते है,
माँ जब तू पास होती है तो,
रातों के अधेंरों से मुझे डर नहीं लगता,
माँ जब कभी मुझे भूख नहीं लगती तो,
तू फ़िर भी डाँट कर मुझे खाना खिलाती,
माँ तू ही मेरे लिए मेरा रब है, और तू ही मेरे
लिए मेरी जन्नत है।
-MADIHA FATMA
जिसके बिना मेरी ज़िदगी अधूरी है,
मै लाख दफा गिरी,
तो तूने मुझे संभाला,
माँ तू रातों को जागती है,
मेरे लिए दुआएँ करती है,
माँ तूने मुझे अपनी हिफाज़त करना सिखाया ,
सही और ग़लत मे अंतर समझाया,
माँ कभी नींद नही आता है तो ,
तेरी गोद मै आते ही मै फट से नींद आ जाती है,
मुुशकिलों के बाद भी तूझसे,
मुसकूराना सिखा मैनें माँ,
माँ एक तू ही है जो बेहिसाब काम करती है,
बाकी़ तो यहा सब हिसाब से काम करते है,
माँ जब तू पास होती है तो,
रातों के अधेंरों से मुझे डर नहीं लगता,
माँ जब कभी मुझे भूख नहीं लगती तो,
तू फ़िर भी डाँट कर मुझे खाना खिलाती,
माँ तू ही मेरे लिए मेरा रब है, और तू ही मेरे
लिए मेरी जन्नत है।
-MADIHA FATMA
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