...

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भाई दूज की शुभकामनाएँ
मैं चाहती हूँ मेरे लिखे शब्द
किताबों में छपें,
पर मैं यह तुम्हारे लिए नहीं
चाहती...
क्योंकि मैं चाहती हूँ
तुम खुद किताबों में छपो...।
(सोनाली तिवारी"दीपशिखा")
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