गीत हो, ग़ज़ल हो तुम
गीत हो
ग़ज़ल हो तुम
खिली खिली
कमल हो तुम
मन की आंगन का
सजल हो तुम
वक्त बेवक्त
हलचल हो तुम
सच है
चंचल हो तुम
धैर्य धारण
सरल हो तुम
धुप छाया
बादल हों तुम
चहचहाती बुलबुल
मिठी पल हो...
ग़ज़ल हो तुम
खिली खिली
कमल हो तुम
मन की आंगन का
सजल हो तुम
वक्त बेवक्त
हलचल हो तुम
सच है
चंचल हो तुम
धैर्य धारण
सरल हो तुम
धुप छाया
बादल हों तुम
चहचहाती बुलबुल
मिठी पल हो...