तिजा़रात
खुदाई को तिजारात समझते है लोग
इबादत भी खरीदना चाहते है लोग...
दाम ही बन गया है चलन अच्छाई का
दिल को अब कहाँ...
इबादत भी खरीदना चाहते है लोग...
दाम ही बन गया है चलन अच्छाई का
दिल को अब कहाँ...