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क्या लिखूं..!!
बेशुमार चाहत है तुमसे
तो जज्बात क्या लिखूं
तुम समझते हो मुझको
तो हर बात क्या लिखूं,
खास एहसास है तुमसे
तो कोई राज़ क्या लिखूं
तुम मुझमें शामिल हो
तो अपनी पहचान क्या लिखूं ,
सबसे ज्यादा विश्वास है तुम पर
तो झूठ क्या लिखूं
तुम मेरे साथ चल दो चार कदम
तो जिंदगी भर की बात क्या लिखूं,
हमेशा साथ हो तुम्हरा
तो दूसरे की दरकार क्या लिखूं
तुम मेरी खामोशी समझ लो
तो "मेरे अल्फाज" क्या लिखूं ।
© मेरे अल्फाज़....🦋
तो जज्बात क्या लिखूं
तुम समझते हो मुझको
तो हर बात क्या लिखूं,
खास एहसास है तुमसे
तो कोई राज़ क्या लिखूं
तुम मुझमें शामिल हो
तो अपनी पहचान क्या लिखूं ,
सबसे ज्यादा विश्वास है तुम पर
तो झूठ क्या लिखूं
तुम मेरे साथ चल दो चार कदम
तो जिंदगी भर की बात क्या लिखूं,
हमेशा साथ हो तुम्हरा
तो दूसरे की दरकार क्या लिखूं
तुम मेरी खामोशी समझ लो
तो "मेरे अल्फाज" क्या लिखूं ।
© मेरे अल्फाज़....🦋
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