...

11 views

एक शाम अपने नाम।
कभी तो सुकून के लिए एक पल चुराकर,
खुद को खोए हुए खुद से मिलाओ।
आंखों की अनदेखी नमी बहाकर,
एक बार फिर से मुस्कुराओ ।।

वक्त के पहियों को भी लेने दो थोड़ा आराम,
यह फुर्सत के पल पर है केवल तुम्हारा नाम।
चाय की एक चुस्की के साथ महकेगी ये शाम,
कुछ पल के लिए तो भुला दो अपने अधूरे काम।।

अपनी मुस्कुराहट से आज मत ढको ये गम।
एक बार सुनो तो अपने दिल की धुन,
जानू तो कहां रहता है ये खोया मन?
डूब जाओ खुद की तलाश में तुम।।

बेचैन रातों को खुद को लोरी सुना,
बेदिल लम्हों को भुला,
एक फुर्सत की शाम को,
दो आज नई पहचान ।।