कान्हा
तेरी बातें दिल पर यूँ लगी है जैसे कोई तलब उठी है।
तेरे ही दर रह जाने को दिल करता है जैसे कोई आस उठी हैं।
सब से टूट कर तेरे कदमों में आ बिखरी हूँ। जैसे कोई माला का मोती हो उठी है।
तुझसे...
तेरे ही दर रह जाने को दिल करता है जैसे कोई आस उठी हैं।
सब से टूट कर तेरे कदमों में आ बिखरी हूँ। जैसे कोई माला का मोती हो उठी है।
तुझसे...