मित्र
जो तपते मग पर कभी भी
पड़ने न दे पग।
तपती जेठ की दोपहरी में
खुद की दे दे छांव।
सरस स्नेह की लेप लगाकर
भर दे उसकी घाव।...
पड़ने न दे पग।
तपती जेठ की दोपहरी में
खुद की दे दे छांव।
सरस स्नेह की लेप लगाकर
भर दे उसकी घाव।...