तुम क्या जानो
तुम क्या जानो सच्चे प्रेम को,
जिसने ना कभी महसूस किया।
लफ्जों में अब किस विधि बोलूं,
तुम्हारे वियोग में मेरे हृदय ने,
जाने कितना शोक किया।
तुम क्या जानो सच्चे प्रेम को,
जिसने ना कभी महसूस किया।
तुम्हारे द्वारा दी पीड़ा...
जिसने ना कभी महसूस किया।
लफ्जों में अब किस विधि बोलूं,
तुम्हारे वियोग में मेरे हृदय ने,
जाने कितना शोक किया।
तुम क्या जानो सच्चे प्रेम को,
जिसने ना कभी महसूस किया।
तुम्हारे द्वारा दी पीड़ा...