ये शहर
ये वक़्त तो अब गुजारे नही गुजरता है,
अब ये जिंदगी तो काटे नही कटती है ।
कितना जहर है इन शहर की हवाओ में ,
अगर निकल जाओ टहलने तो दम घुटता है ।
इस शहर में अब वो पुराना बगीचा तो है,पर वहा से अब तेरे पहरन की...
अब ये जिंदगी तो काटे नही कटती है ।
कितना जहर है इन शहर की हवाओ में ,
अगर निकल जाओ टहलने तो दम घुटता है ।
इस शहर में अब वो पुराना बगीचा तो है,पर वहा से अब तेरे पहरन की...