...

7 views

तुम नही हो यहां पर
माना कि अब तुम नही हो यहां पर,
फिर भी हरपल तुम मेरे साथ रहोगे...

तुम्हारी हर चीज को मैंने संभाल रखा है,
वो तुम्हारे होने का एहसास दिलाती है...

किताबों के साथ रखा तुम्हारा चश्मा,
कहता है कि तुम आकर पढ़ोगे इनको...

तुमने जो गुलाब का पौधा लगाया था,
वो फूलों से भरा तुम्हारी ही खुशबू देता है...

तुम अकसर जो गाना गाकर सुनाते थे,
वह आज भी मेरे कानों मे गूंजता रहता है...

माना कि अब तुम नही हो यहां पर ,
फिर भी स्पर्श तुम्हारा महसूस होता है।

© रीवा