आज की नारी
सुकोमल,विशाल हृदय की स्वामिनी
किसी विषय से नहीं है अनजानी
प्रेम सदा वो दिल से करती
इसलिए दुनिया उसको छलती
जगत का सम्मान है नारी ……
अहिल्या लक्ष्मी तुम ही तो हो
हर पद की सच्ची अधिकारी
माँ कालिका का रूप सुहाता
ज़िद पर आये तो यम पर भारी
धेर्य का प्रकट प्रमाण है नारी ……
पति विरह जो काटे उर्मी
14 वर्ष वन में काटे सुकुमारी
ग़ौतम को वो बुद्ध बनाती
जड़बुद्धि कालीदास को प्रबुद्ध बनाती
बनके...
किसी विषय से नहीं है अनजानी
प्रेम सदा वो दिल से करती
इसलिए दुनिया उसको छलती
जगत का सम्मान है नारी ……
अहिल्या लक्ष्मी तुम ही तो हो
हर पद की सच्ची अधिकारी
माँ कालिका का रूप सुहाता
ज़िद पर आये तो यम पर भारी
धेर्य का प्रकट प्रमाण है नारी ……
पति विरह जो काटे उर्मी
14 वर्ष वन में काटे सुकुमारी
ग़ौतम को वो बुद्ध बनाती
जड़बुद्धि कालीदास को प्रबुद्ध बनाती
बनके...