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हक़ीक़त
#रहने-दिया
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
जो किया भी नहीं कभी
उसका भी इल्ज़ाम,खुद पे लगने दिया
इक उम्र बीत गई ,इसी नाप तोल में
हर दफा दूसरों की खातिर,
खुद को ही पीछे रहने दिया
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
जो किया भी नहीं कभी
उसका भी इल्ज़ाम,खुद पे लगने दिया
इक उम्र बीत गई ,इसी नाप तोल में
हर दफा दूसरों की खातिर,
खुद को ही पीछे रहने दिया
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