...

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middle class family k liye job
मैं एक middle class family से हूँ..
जहाँ नौकरी के लिए इंसान अपना वजूद दांव पर लगा देता है..
एक नौकरी इंसान के लिए स्वाभिमान होनी चाइये..
लेकिन उस इंसान को अपनी औकात, अपनी दहलीज कभी नहीं लाँघनी चाइये..
इंसान खुद असफलता की इतनी ठोकरें खा लेता है और सामने वाले से उम्मीद करता है कि वो एक बार में ही मुकम्मल हो जाए..
कुछ लोग ठोकरें खाने के बाद समझते हैं..
और कुछ सामने वाले की ठोकरों से इतने pressure😖 tacle करते हैं..
कि वो या उनका परम आत्मा ही इन सबको समझता है..
किसी को अपना वजूद...