कल किसे पता क्या हो जाये - Anuj Kumar Gautam AshQ
हे प्राण प्रिये तुम आज रुको,
कल किसे पता क्या हो जाये ।।
प्रणय समर्पण अल्हण जीवन,
नेह अलौकिक द्रष्टि सुनहरी,
आत्म मिलन तुम अभी करो,
कल किसे पता क्या हो जाये ।
एक पल में समर बदलती है,
पर भर में मौत सताती है,
किस पल में धरा पलट जाये,
कल किसे पता क्या हो जाये ।
तूफां एक पल...
कल किसे पता क्या हो जाये ।।
प्रणय समर्पण अल्हण जीवन,
नेह अलौकिक द्रष्टि सुनहरी,
आत्म मिलन तुम अभी करो,
कल किसे पता क्या हो जाये ।
एक पल में समर बदलती है,
पर भर में मौत सताती है,
किस पल में धरा पलट जाये,
कल किसे पता क्या हो जाये ।
तूफां एक पल...