...

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ग़ज़ल-प्रेम
प्रेम ईश्वर की एक नेमत है,
प्रेम खुद में ही इक इबादत है।

प्रेम दिल में भरा हो गर सबके,
फिर तो समझो जमीं ये जन्नत है।

सारे बंधन से सरहदों से...