...

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मित्रता
ज़िन्दगी के पौधे से उगी, मित्रता एक बेल है
सामंजस्य है विचार धाराओं का, दो दिलों का मेल है
मित्रता अस्तित्व है, मित्र बिना ना सार है
मित्र बिना क्या जीना? ऐसे जीवन को धिक्कार है

जाति-पाति, ऊंच-नीच से परे, मित्रता एक भाव है
हैसियत नहीं देखती, वो खोजती सरल स्वभाव है
जो तुम्हारी कमियां याद दिलाए, वो निंदक...