#दिन शुरू होता है
दिन शुरू होता है, और तमाम होता है,
कोई हँसता है,
तो कोई अपनी किस्मत पर रोता है।
कोई निराश होता है,
तो कोई नई उम्मीदें पिरोता है।
किसी की जद्दोजहद शुरू होती है,
तो किसी का किस्सा तमाम होता है।
कोई नई ज़िंदगी में कदम रखता है,
तो किसी का आखिरी अध्याय होता है।
ऊपर वाले के हाथों में
बंधी है डोर सबकी ही,
किसी को ढील देता है
तो किसी की लगाम कसता है।
दिन शुरू होता है और तमाम होता है,
कोई हँसता है,
तो कोई अपनी किस्मत पर रोता है।
✍️😇© ranjeet prayas
कोई हँसता है,
तो कोई अपनी किस्मत पर रोता है।
कोई निराश होता है,
तो कोई नई उम्मीदें पिरोता है।
किसी की जद्दोजहद शुरू होती है,
तो किसी का किस्सा तमाम होता है।
कोई नई ज़िंदगी में कदम रखता है,
तो किसी का आखिरी अध्याय होता है।
ऊपर वाले के हाथों में
बंधी है डोर सबकी ही,
किसी को ढील देता है
तो किसी की लगाम कसता है।
दिन शुरू होता है और तमाम होता है,
कोई हँसता है,
तो कोई अपनी किस्मत पर रोता है।
✍️😇© ranjeet prayas