...

3 views

तुम्हारा 'ड' बोलना.....
यूं तो तुम्हारी कही हुई हर बात
बहुत पसंद है मुझे,
ख़ासकर तुम्हारा चहकना,
वो तुम्हारा झट से आंखे डब- डबा लेना
छोटी - छोटी बातों पर,
कुछ बातें जानने की ख्वाइश में
बचकाने से सौदे करना,
और भी बहुत कुछ खास है तुम्हारे अंदर
लेकिन मेरे दिल को छू लेता है
तुम्हारा 'ड' बोलना
एक मिश्रण है द और ड का
तुम्हारे 'ड' बोलने में
एक प्यारी सी तुतलाहट आती है
तुम्हारे 'ड़' के साथ
इसीलिए मुझे पसंद है
तुम्हारा 'ड' बोलना
जब तुमने पहली बार जिक्र किया था
कि तुम वहां 'डोडो' से मिलने जा रही हो
भा गया मुझे तुम्हारा 'ड' बोलना
मेरा मन था की वो शब्द बार-बार सुनूं
फिर मैने सोचा कि तुम्हें अजीब लग सकता है
कि आख़िर इस शब्द का क्या माजरा है
तो मैंने कभी बोला नहीं
पर वो शब्द मेरे लिए ख़ास बन चुका था
दिन यूं ही बीत रहे थे
फिर वो दिन आया जब मेरा जन्मदिन था
पर मुझे याद नहीं था, रहता भी कैसे
अनिल भाई को बेटी हुई थी
मैं खुशी के मारे सबको फोन किए जा रहा था
मैंने तुम्हे भी काल किया,
तुमने रात में दोबारा काल किया
अपना हाल चाल सुनाने लगी
बहुत सारी बातें हुई,
फिर रात के बारह बजे
तुम तपाक से बोल पड़ी
'हैप्पी बर्थडे टू यू'
और फिर तुमने मानों की झड़ी लगा दी हो
शुभकामनाओं की, बधाईयों की
मैं दो तरफा खुश हुआ
एक तो इतनी सारी बधाइयां
और तो और वो अक्षर 'ड'
जिसे बार बार सुनने का मौका मिल गया था
मुझे जस की तस सारी बातें याद है
फिर तुमने फोन रखते हुए
कई बार 'हैप्पी बर्थडे' कहा,
मुझे याद है वो समय वो दिन
और तुम्हारा 'ड' बोलना
मेरी छोटी सी आशा है
की तुमसे 'ड' सुनता रहूं
छोटे छोटे अंतरालों के बीच,
जब पास न रहो तुम मेरे
तो मैं याद करता रहूं
तुम्हारा 'ड' बोलना।

ये तो रही तुम्हारे 'ड' की कहानी
बाकी चीज़ों के बारे में कभी और
© Ish kumar