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Intezaar
Intezaar

हाय दैंया ना जाने कब होगा पूरा मेरा इंतजार

जिससे आँख मीचकर दिल करे एतबार


शोभन हो हसीन हो थोड़ा नमकीन हो

हिला देती हो मेरी धड़कनों को ऐसी बेहतरीन हो


सावन की फुहार जलता अँगारा

ठंडी हवा करें जिया बेकरार हमारा


मिल के भी ना मिले

ना बचे वो नशेमन, जो बिजलियो को गवाँरा ना हो

इशक का मारा

इशक के लवरेज ना बचे, गर दामन का सहारा ना हो राह हो सुवाहा अगर, चमकते चिरागों का सहारा ना हो

मिल के भी ना मिले अगर किस्मत का सहारा ना हो


मस्ती जा चढ़ा हुआ हर वक्त खुमार

क्या दिन है और क्या रात


धड़कनों में उठ ते तूफान मचलते अरमान हैं

नहीं मानता दिल के बड़ा बेईमान हैं


तेरे जैसा नहीं कोई क्या जवाँ हो तुम

तुम से हर समय बहार मस्ती हैं


उदासियाँ रहें वाबस्ता बज़्म में गर तबस्सुम ने सवारा ना हो

जिसे लग जाये बुरी नजर आसमाँ में फिर वो सितारा ना हो

आ जायें फिजाऐं उड़ जाये रंग दिलकश नजारा ना हो


ना खिले वो चमन जिसे बहारों का इशारा ना हो

वो तो चुप रहें पत्ते पत्ते गर हवा ने पुकारा ना हो

घिर के कैसे निकले तूफाँ गर जो नसीब किनारा ना हो


तुम से उदास होकर दिल पे बिजली गिरती हैं

दिल खुशी से भर जाता है जब तू हँसती हैं


तेरे संग संग तन्हाई में महफिल सजती हैं

तेरे बगैर वीरान लगे मेरी पूरी बस्ती हैं

पतझड़ के मौसम में भी तेरे संग मस्ती हैं


जिसे दिखाने को जलवे मेरे जलवे बेकरार

कहां है वो मेरा दिलवर दिलदार


उनकी हर बात पे हरदम रऔ तुम

सीधी चलाएं उल्टे चले ना करो तकरार

वरना फट से मुँह फुला लै हैं सरकार

जब देखो मुसीबत आई हर बार


बैसा है प्यार का सागर जिसका ना किनारा

भोला भाला सीधा साधा बडा़ प्यारा


पल में दोस्ती पल में लड़ाई

मेरे राजा की भली चलाई


जो काम नई इतनौ आसान

मुशकिल है उनकौ अरमान

उनकौ सपनौ उनकौ गुमान

तुमही हाथो पर है हमाये काम

तुम हो मेरी संगिनी मे हूँ धर वाला जमाई


अबे लगत नहीं गऔ बचपन उनको

एक खिलौना खेलबे चायने उनको


कैसे सजना ने जै आँख लगाई

हमाई दिल के सारे होश लै जाई


पल में मौ बनालै छढ़ में मना लैने

बे बडे़ चतुर उनै अपनी चला लैने

उनै पैले छेड़नै फिर मना लैने

कबहु हमई दिल के मन की गई कबहूँ दिल जली गई

कबहु हमई दिल के मन की गई कबहूँ दिल जली गई
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