...

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Intezaar
Intezaar

हाय दैंया ना जाने कब होगा पूरा मेरा इंतजार

जिससे आँख मीचकर दिल करे एतबार


शोभन हो हसीन हो थोड़ा नमकीन हो

हिला देती हो मेरी धड़कनों को ऐसी बेहतरीन हो


सावन की फुहार जलता अँगारा

ठंडी हवा करें जिया बेकरार हमारा


मिल के भी ना मिले

ना बचे वो नशेमन, जो बिजलियो को गवाँरा ना हो

इशक का मारा

इशक के लवरेज ना बचे, गर दामन का सहारा ना हो राह हो सुवाहा अगर, चमकते चिरागों का सहारा ना हो

मिल के भी ना मिले अगर किस्मत का सहारा ना हो


मस्ती जा चढ़ा हुआ हर वक्त खुमार

क्या दिन है और क्या रात


धड़कनों में उठ ते तूफान मचलते अरमान हैं

नहीं मानता दिल के बड़ा बेईमान हैं


तेरे जैसा नहीं कोई क्या जवाँ हो तुम

तुम से हर समय बहार मस्ती हैं


उदासियाँ रहें वाबस्ता बज़्म में गर तबस्सुम ने सवारा ना हो

जिसे लग जाये बुरी नजर आसमाँ में फिर वो सितारा ना हो

आ जायें...