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ये प्यार की बरसात कैसी
ये प्यार की बरसात कैसी
तेरे साथ मेरे दिन की शुरुवात ऐसी
तेरे माथे पे लगी ये छोटी सी बिंदी मुझे लगे
सर्दी में सूरज की मीठी सी तपीश जैसी
तेरी आवाज़ की गूँज से जी उठे मेरे दिल की धड़कने......
तेरी आवाज़ की गूँज से जी उठे मेरे दिल की धड़कने.
फिर तेरी खुश्बू में हो के मलंग बन जाऊ
में एक इत्र की पुड़िया ऐसी
जो बना दे मुझे गुड्डा और तुझे इक प्यारी सी गुड़िया ऐसी
जहा तेरे चहरे का नूर मानो
पूर्णिमा की रात जैसी
और तेरी ये मुस्कान
वादियों में हो रही रिमझिम बरशत जैसी
हो रही प्यार की बरसात कैसी
तेरे साथ मेरे दिन की शुरुवात ऐसी
© karmaarth